Basoda 2025 Date: बसोड़ा कब है? जानें शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त, महत्व, क्यों लगाते हैं बासी पकवान के भोग

Basoda 2025 Date: बसोड़ा कब है? जानें शीतला अष्टमी पूजा मुहूर्त, महत्व, क्यों लगाते हैं बासी पकवान के भोग

बसोड़ा हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाते हैं. इस दिन रोगों से मुक्ति प्रदान करने वाली शीतला माता की पूजा करते हैं. यह अष्टमी तिथि को होता है, इसलिए इसे शीतला अष्टमी भी कहते हैं. इस साल बसोड़ा के दिन 12 घंटे से अधिक का शुभ समय प्राप्त हो रहा है. बसोड़ा में शीतला माता को बासी पकवानों का भोग लगाते हैं और अष्टमी के दिन चूल्हा नहीं जलाने की परंपरा है. परिवार के सभी सदस्य भी बासी भोजन ही करते हैं. आइये जानते हैं कि बसोड़ा कब है? बसोड़ा पर शीतला अष्टमी की पूजा का मुहूर्त क्या है?

बसोड़ा तारीख 2025
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल बसोड़ा के लिए जरूरी चैत्र कृष्ण अष्टमी तिथि 22 मार्च को प्रात: 4 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रही है. य​ह तिथि 23 मार्च को सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर बसोड़ा का पर्व 22 मार्च ​दिन शनिवार को मनाया जाएगा.

बसोड़ा 2025 शुभ मुहूर्त
इस साल 22 मार्च को बसोड़ा पर पूजा के लिए 12 घंटे 11 मिनट का शुभ मुहूर्त है. उस दिन आप शीतला माता की पूजा का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 23 मिनट से शाम 6 बजकर 33 मिनट तक है. इस बीच में आपको बसोड़ा की पूजा कर लेनी चाहिए.

बसोड़ा के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:48 ए एम से 05:35 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है.

शीतला सप्तमी कब है?
इस साल शीतला सप्तमी 21 मार्च दिन शुक्रवार को है. पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण सप्तमी तिथि 21 मार्च को तड़के 2 बजकर 45 मिनट से 22 मार्च को प्रात: 4 बजकर 23 मिनट तक है. उदयातिथि के आधार पर सप्तमी तिथि 21 मार्च को होगी. शीतला सप्तमी को बसोड़ा की पूजा के लिए पकवान बनाते हैं क्योंकि अष्टमी को चूल्हा जलाना वर्जित है. शीतला सप्तमी के दिन चावल और गुड़ की खीर बनाते हैं. इसके अलावा पूड़ी, पूड़े, मिठाई आदि भी बनता है.

बसोड़ा का महत्व
बसोड़ा के अवसर पर शीतला माता की पूजा अर्चना करते हैं. उसकी कृपा से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है. वह रोग मुक्त रहता है. उस व्यक्ति को चर्म रोग, चेचक, खसरा आदि जैसे रोग नहीं होते हैं.

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